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Showing posts from 2017

ONLINE BANKING SECURITY

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वर्तमान युग इंटरनेट का युग है। ऐसे में हम अपने समस्त कामों को इंटरनेट के माध्यम से ही अंजाम देते हैं जैसे विभिन्न प्रकार के खरीद फरोख्त इंटरनेट के माध्यम से ही करते हैं। ऐसे में हम ऑनलाइन पेमेंट करते हैं ऑनलाइन payment करते समय हमें अनेक सावधानी बरतनी चाहिए कभी कभी ऑनलाइन पेमेंट एक फ्रॉड लिंक पर भी होता है अर्थात आप अपने सामान के लिए पैसों देंगे पर आपको सामान नहीं मिलेगा इसका कारण यही है कि हम ऑनलाइन फ्रॉड का शिकार हो जाते हैं ऐसे में हमें आवश्यकता है कि हम ऑनलाइन पेमेंट करते समय जागरूकता अपनाएं ऑनलाइन बैंकिंग पेमेंट को सिक्योर करने के लिए यहां कुछ तरीके बताए गए हैं एक-एक करके पढ़े। #secure और कठिन पासवर्ड का चयन- कभी भी ऑनलाइन बैंकिंग पेमेंट करते समय कोई भी हल्का पासवर्ड ना रखें आप अल्फाबेट  और numeric aur symbolic mix no रखे।  अपना पासवर्ड 6 से 12 डिजिट के बीच रखें। कभी ऐसे पासवर्ड ना बनाएं आपका नाम आपका होम एड्रेस नंबर गाड़ी का नंबर मोबाइल का नंबर डेट ऑफ बर्थ क्योंकि इस तरह के पासवर्ड आसानी से क्रैक हो जाते हैं आप कोशिश यही करें कि अपरकेस और लोअरकेस के दोनों से

आधार कार्ड को पैन कार्ड से जोड़ना अनिवार्य ऐसे करे लिंक

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आधार कार्ड को पैन कार्ड से कैसे लिंक करे । हेलो हेलो आज हम आपको बताएंगे कि आधार कार्ड से पैन कैसे कनेक्ट करें लेकिन उससे पहले हम आपको बता दें कि ऐसा करना हमारे लिए क्यों जरूरी है हाल ही में यह पाया गया कि कुछ पहनकर धोखे से प्राप्त किए गए हैं जिसमें फर्जी डॉक्यूमेंट लगाकर पैन कार्ड प्राप्त किया गया किसी भी टैक्सपेयर को बिना पैन कार्ड नंबर जमा किए उसका टैक्स जमा नहीं होता है पर जो टैक्स पेअर नहीं है। इसका प्रयोग अपनी आइडेंटी के लिए करते हैं था जैसे स्टूडेंट या कोई किसान है वह इसका प्रयोग पहचान के लिए पहचान पत्र के रुप में करता है। ऐसे में फर्जी पैन कार्ड को पकड़ना आधार की वजह से आसान हो गया है आधार के बारे में आप जानते ही हैं सरकार इस 12 के आइडेंटिफिकेशन कोड का दायरा बढ़ाना  चाहती है । यह बायोमेट्रिक आइडेंटिटी प्रोजेक्ट है इसकी मदद से हम फर्जी पैन कार्ड की जांच कर सकते हैं इसलिए सरकार ने 31 दिसंबर तक सभी पैन कार्ड को आधार से लिंक करना अनिवार्य किया है जिससे फर्जी पैन कार्ड की जांच हो सके जो 31 दिसंबर तक इसे लिंक नहीं करेगा उसका पैन कार्ड अवैध घोषित किया जा सकता है उसे दोबारा पैन का

मोबाइल वायरस से कैसे बचे

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हेलो दोस्तों आज  मैं आपको बताऊंगा कि फोन में वायरस कैसे आते हैं और वायरस आने के बाद फोन कैसे वर्क करता तो चलिए शुरुआत करते हैं फोन में वायरस आने का मतलब यह होता है कि आपका फोन आपके ईशारे पर नहीं खुद के ईशारे पर कार्य करता है। कैसे हमारा फोन कभी-कभी हैंग हो जाता है चलता चलता रुक जाता है स्विच ऑफ करके ऑन करना पड़ता है यह सब वायरस के साइन है कभी कभी हमारा फोन स्लो वर्क करता है और हम यह सोचते हैं कि नॉर्मल प्रॉब्लम है लेकिन कभी-कभी यह नॉर्मल प्रॉब्लम सीरियस भी हो जाती है क्योंकि एक साइन होता है। आज के समय में हम इंटरनेट से हमेशा जुड़े रहते हैं ऐसे में हम बहुत सी ऐसी की वेबसाइट है लिंक में क्लिक है जहां पर जाने के उपरांत एक खतरनाक  किस प्रकार हमारे फोन में आ जाता है हमें पता भी नहीं चलता। वायरस का तो यह शुरुआत करते हैं कि फोन में वायरस कैसे आते हैं। [DATA PACK का जल्द ही खत्म होना ] बरसाने की सबसे पहली निशानी है कि आपका जो डाटा पैक है वह बहुत जल्दी खत्म हो जाता है मतलब आपकी जो MB हैं वह ज्यादा प्रयोग में आती हैं मान लीजिए आप Facebook लाइट खोल रहे हैं उसमें मुश्किल से मुश्किल 2

google important URLs

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जैसा कि आप सभी जानते हैं URL का मतलब यूनिफार्म रिसोर्स लोकेटर होता है यह एक तरह काADDRESS  होता है जिस तरह से मोबाइल नंबर होता है उसी तरह से यह किसी वेबसाइट का पता होता है आइए आज हम बताते हैं आपको गूगल के कुछ इंपॉर्टेंट URL जून के बारे में शायद आपको पता हो. 👉🏻 YouTube सर्च Youtube भी गूगल का ही एक प्रोडक्ट है क्या आप जानते हैं आप YouTube पर जो भी कुछ सर्च कर रहे हैं उसका ब्रेकअप YouTube हिस्ट्री में रहता है आपने कब किया सर्च किया है यह देखने के लिए URL है- https://youtube.com/feed/history 👉 🏻Google map timeline जैसा की आप सबको पता है Google Map भी Google का प्रोडक्ट है इसलिए आप जहां जहां भी जाते हैं किस रस्ते से गए वहां की लोकेशन आप किसी स्पीड पर गए उसके बारे में आप इस URL से जान सकते हैं- https://google.com/maps/timeline 👉🏻 गूगल सर्च हिस्ट्री हम दिन-प्रतिदिन पता नहीं कितनी बार गूगल का प्रयोग कुछ ना कुछ सर्च करने के लिए करते हैं पर क्या आप जानते हैं Google पर हमने क्या किया सर्च किया यह हमारे ईमेल के माध्यम से यह Google अकाउंट के माध्यम से गूगल हिस्ट्री में

M-kavach भारत सरकार की C.DACद्वारा साइबर security के सम्बन्ध में बनी apps

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Mkavach सी-डैक हैदराबाद में M कवच नाम का एक Android सॉफ्टवेयर तैयार किया है जिसकी मदद से हम अपने फोन के डाटा को सुरक्षित रख सकते हैं तथा वायरस आने से उसे बचा सकते हैं आइए सविस्तार बताते हैं उनको इस में क्या-क्या  है. M कवच एप्लीकेशन से आप के मोबाइल में वायरस वायरस नहीं आती अर्थात आपका फोन जावास्क्रिप्ट मालवेयर से सुरक्षित 2- इसके अलावा एम कवच को जो है आप गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं हम इसकी मदद से आपका फोन स्लो वर्क नहीं करेगा अर्थात फास्ट चलेगा. अहमदाबाद की खास बात है कि आप इसमें जो है कॉल ब्लॉक का सिस्टम भी है अर्थात जो अनवांटेड कॉल है या अनचाही कॉल है या कोई परेशान करने वाला व्यक्ति आपको कॉल कर कर के परेशान कर रहा है आप उसका नंबर ब्लाक या ब्लॉक लिस्ट में डाल सकते हैं 3- Mkavtch मोबाइल के विभिन्न रिसोर्सेज जैसे वाईफाई ब्लूटूथ कैमरा मोबाइल डाटा कि अनाधिकृत पहुंच से हमें सुरक्षित रखता है. 4- M कवच में एक एप्लीकेशन लॉक कर दिया है जिसकी मदद से हम किसी भी एप्लीकेशन को लॉक अनलॉक कर सकते हैं 5- एम कवच का दूसरा बेस्ट फीचर है बैकअप एंड रिस्टोर अर्थात हम इसमें

whatsapp important msg.

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आजकल WhatsApp पर एक मैसेज वायरल हो रहा है जिसमें यह बताया जा रहा है कि आपका WhatsApp का जो सब्सक्रिप्शन है वह खत्म हो रहा है और आप इसे 0.99 जीडीपी पर खरीदें उस msg. में  लिंक भी दिया जा रहा है *Your subscription has expired. To verify your account and purchase a lifetime subscription for just 0.99 GDP simply tap on this link.* यह जो इस स्पैमर और हैकर।  है यह आपका बेवकूफ बनाकर आपसे पैसे ऐठने के लिए यह लिंक तैयार किया है जिससे आप आसानी से बेवकूफ बन सके और आप उन्हें पेमेंट कर दे WhatsApp पर एक फ्री सर्विस है पिछले साल WhatsApp ने अपनी फ्री सर्विस लाइफटाइम देने का ऐलान किया है इसलिए आपसे अनुरोध है कि ऐसी लिंक पर बिल्कुल भी ध्यान ना दें और ऐसी लिंक को इग्नोर करें भारत में सोशल साइट में Facebook और WhatsApp दोनों ही नंबर वन पर हैं इसलिए ऐसे में ऑनलाइन scammers आप को बेवकूफ बनाकर आपसे यह भुगतान की रकम वसूल सकते हैं एक्चुअली कुछ लोग अपने फ्रेंड्स और फैमिली को यह मैसेज फॉरवर्ड कर रहे हैं उन से अनुरोध है कि इस तरह के मैसेज को किसी को ना भेजें क्योंकि WhatsApp कीपैड सर्विस लास्ट इयर बं

फोन पर अश्लील बाते या परेशान करना CYBER STALKING CASE LAW

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भारत में साइबर स्टॉकिंग के केस दिन बे दिन बढ़ते जा रहे है उसकी वजह है जागरूक ना होना  जबसे डिजिटल पेमेंट service आई है जबसे फोन no. सबसे जयादा शेयर होने लगे है ।  और कुछ ऐसे लोग भी हैं जब उन्हें किसी लड़की का नंबर मिलता है तो वह कोशिश करते हैं उन्हें परेशान करने की उंन से दोस्ती करने की और अगर उनका ऑफर रिजेक्ट हो जाता है तो वह मन में बदले की भावना रखकर उसका नंबर किसी और को भी दे देते हैं आज के टाइम में इंटरनेट पर किसी का नंबर लेना आप Facebook के माध्यम से मित्रता करके या कैसे भी बहुत प्रचलन में है इस तरह से कॉल करके आप दो तरह की क्राइम करते हैं एक डाटा थेफ्ट अर्थात किसी के डाटा को चुराना दूसरा भेजो प्राइवेसी अर्थात किसी की प्राइवेसी को भंग करना यह दोनों तरह की क्राइम आप कर देते हैं और आपको पता भी नहीं चलता और जो इसकी विक्टिम होती है उसको भी नहीं पता चलता कि उसके साथ एक क्राइम घटित हो गया है ऐसे में ज़रूरत है । हम साइबर स्टॉकिंग के बारे में जाने नीचे के केस लॉ दिया गया है जिससे आपको समझने में मदद मिलेगी कि वास्तव में साइबर स्टॉकिंग का मतलब क्या होता है का केस जो की  धारा 354(D)

ONLINE RTI कैसे डाले

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RIGHT TO INFORMATION हेलो दोस्तों आज हम आपको बताने वाले हैं राइट टू इंफॉर्मेशन के बारे में राइट टू इंफॉर्मेशन का अर्थ सूचना का अधिकार एक तरह से कहा जाए तो यह एक वरदान के रूप में साबित हुआ है जिसमें हम प्रशासनिक कार्यों में हुए भी है या कोई भी ऐसे कार्य की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं जो सूचना का अधिकार अधिनियम प्रत्‍येक नागरिक को सरकार से प्रश्‍न पूछने का अधिकार देता है और इसमें टिप्‍पणियां, सारांश अथवा दस्‍तावेजों या अभिलेखों की प्रमाणित प्रतियों या सामग्री के प्रमाणित नमूनों की मांग की जा सकती है। आरटीआई अधिनियम पूरे भारत में लागू है (जम्‍मू और कश्‍मीर राज्‍य के अलावा) जिसमें सरकार की अधिसूचना के तहत आने वाले सभी निकाय शामिल हैं जिसमें ऐसे गैर सरकारी संगठन भी शामिल है जिनका स्‍वामित्‍व, नियंत्रण अथवा आंशिक निधिकरण सरकार द्वारा किया गया है। सूचना के अधिकार के अंतगर्त मांगी जा सकने वाली जानकारियां : आप इसके अंतर्गत कुछ भी जानकारी हासिल कर सकते है जैसे कि : किसी सड़क को बनाने में सरकार ने कितना व्यव किया ,प्रधानमत्री के रहन सहन पर किया जाने वाला खर्च ,राष्ट्रपति भवन में होने वाला

CYBER SECURITY TIPS FOR WOMEN

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साइबर ला में सबसे ज्यादा साइबर अपराधियों की शिकार महिलाएं होती हैं। इसकी मुख्य वजह होती है कि बहुत कम स्त्रियों का जागरूक होना है खासकर साइबर लॉ के संदर्भ में कहा जाए तो पुरुष भी इतने ज्यादा जागरुक नहीं है परंतु महिलाएं फिर भी बहुत कम jaguruk है। इसका मुख्य कारण है अपराध की प्रवृत्ति को समझने में असुविधा अर्थात कोई भी साइबर अपराध जो भी महिला के साथ घटित हो रहा है उसके बारे में जानकारी का ना होना  साइबर अपराधी आसानी से महिलाओं को इसका शिकार बना लेते हैं और आज हम अपने इस ब्लॉग के माध्यम से उन महिलाओं को बताना चाहते हैं कि आप को इस साइबर युग में इंटरनेट पर किस तरह का व्यवहार करना है और किस तरह से रहना है आज के समय में देखा जा रहा है कि हर कोई इंटरनेट के माध्यम से डाटा पैक किया वाईफाई के माध्यम से 24 घंटे तक ऑनलाइन रहता है और इस में महिलाएं भी पीछे नहीं है इसकी एक मुख्य वजह यह भी है कि डाटा पैक का सस्ते दामों पर उपलब्ध होना लेकिन आज के समय में जब हर किसी के पास है पवन है और इंटरनेट का जरिया भी तो महिलाओं को आवश्यकता है एक ऐसे उपाय ऐसे नियम की जिससे वह खुद को साइबर अपराधी

भारत में साइबर क्राइम क्यों होता है?

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भारत में साइबर क्राइम के कारण आज हम 21वीं सदी में प्रवेश कर चुके हैं और साइबर क्राइम वर्ल्ड लेवल पर होने वाला क्राइम देखा जाए आज यह पूरे विश्व के लिए एक समस्या बना हुआ है क्योंकि जो नॉर्मल क्राइम से होते हैं उनमें अपराधी का शिक्षित या अशिक्षित होना कोई प्रभाव नहीं डालता परंतु साइबर क्राइम में अपराधी बहुत ही अत्यंत तीव्र बुद्धि का होता है और उसका दिमाग बहुत तेज चलता है हम कह सकते हैं कि वह एक तरह का कंप्यूटर पर जा होता है साइबर क्राइम में जितना बड़ा साइबर क्राइम होता है उसका जो हैकर होता है या फिर जो उस टाइम को कहने वाला होता है वह उतना ज्यादा ही इंटेलिजेंट होता है और इसमें वह प्रत्यक्ष हानि कार्य करता है अर्थात कहने का मतलब यह है कि वह आपको डायरेक्टली हानि पहुंचाने की कोशिश करता है साइबर माध्यम से भारत भी उन्ही देशों में से एक है जहां पर दिन भर दिन इंटरनेट प्रयोगकर्ताओं की सूची बढ़ती जा रही है ।इंटरनेट का प्रयोग करने वाले व्यक्तियों की जो लिस्ट है वह लंबी होती जा रही है शहरों से ग्रामीण भारत की तरफ इस इंटरनेट  यूज किया जा रहा है आज के समय में इंटरनेट युग में भारत काफी अग्रिण है

NOKIA N3

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नोकिया अब नए लुक के साथ नोकिया n3 ला रही है WITH LTE ND 4G इसमे गूगल सर्विस होंगी और ये एंड्राइड nought पर वर्क करेगा नोकिया ने इसे बेहतरीन लुक दिया है फोन देखने में बहुत अच्छा है इसका लुक micromax कैनवास के जैसा है लेकिन बेक बहुत ही बढ़िया है आइये देखते है इस फोन के फीचर ये सभी फीचर डिटेल   Nokia N3 Nokia page  se लिए गए है । Beautiful polycarbonate body A precision-machined aluminium frame See everything clearly with the polarized, sculpted 5” display with Corning® Gorilla® Glass 8 MP camera with autofocus both on the back and the front Available as both single SIM and dual SIM variants Full specifications In the box Your Nokia 3 Charger Charging/data cable Headset Quick guide SIM door key Design Colors Tempered Blue, Silver, Matte Black, Copper Size 143.4 x 71.4 x 8.48 mm (8.68mm is camera bump) Network and connectivity Network speed LTE Cat. 4, 150Mbps DL/50Mbps UL Networks GSM: 850/900/1800/1900, WCDMA: Band 1, 2, 5, 8, LTE: Band 1, 3, 5, 7, 8, 20, 28,

whatsapp group ke liye ab admin jimmedar nhi

WHATSAPP GROUPमें कोई भी admin उसमे होने वाली पोस्ट के लिए जिम्मेदार नही है क्यों की वो दूसरा क्या msg करेगा इस सम्बन्ध में कोई restrction नही लगा सकता सिर्फ whatsapp ही नही अन्य सोशल साईट पर भी ऐसी ही नियम है की उसमे डाली हुई सामग्री के लिए group एडमिन जिम्मेदार नही है Famous cyber expert sir Prashant mali ji ke wall se ye case law ki line चैट ग्रुप का एडमिन कोई लगाम नहीं लगा सकता।_______ एक चैट ग्रुप के प्रबंधक के ऊपर लगाए गए मानहानि के आरोप को खारिज करते हुए ये आदेश एकल जज बेंच के जस्टिस राजीव सहाय एंडला ने सुनाया। जस्टिस राजीव सहाय ने कहा कि मैं ये समझने में असमर्थ हूं कि कैसे किसी ग्रुप के एडमिन पर उस ग्रुप में दूसरे सदस्यों की ओर से भेजी गई आपत्तिजनक सामग्री के लिए मानहानि का दावा ठोका जा सकता है। ये आरोप उसी तरह है जैसे न्यूजप्रिंट बनाने वाले को उसमें छापी गई टिप्पणी के लिए जिम्मेदार ठहराया जाए। एडमिन से अनुमति लेकर कोई सामग्री पोस्ट नहीं होती जज ने ये भी कहा कि ग्रुप में कुछ भी पोस्ट होने से पहले एडमिन से उसकी अनुमति लेने का कोई प्रावधान नहीं है। ऐसा नहीं है कि बिना एड

बैंकिंग फ्रॉड कॉल (BANKING FRAUDULENT CALL)

आज के समय में साइबर अपराध एक मुख्य समस्या हो गई है अधिकतर देखा जाता है कि कंपनी का एक बैंकिंग अधिकारी बनकर आपको एक फेक कॉल आती है और वह आपसे कहते हैं कि सर आपका एटीएम ब्लॉक कर दिया गया है तथा आपको इसे खोलने के लिए एक वन टाइम पासवर्ड देना होगा वह पासवर्ड आप के फोन पर कुछ ही देर में आने वाला होगा जैसे ही आप उसे पासवर्ड देंगे वह आपके atm से पैसे निकाल लेगा या उसी के माध्यम से शॉपिंग कर लेगा भारत में इस तरह के केस आए दिन देखने को मिलते हैं और जागरूकता की बात यह है लोगों को पता होने के बावजूद भी इस संदर्भ में कोई कदम नहीं उठाते देखा जाता है कि यह मैसेज आए तो शेयर होता रहता है लेकिन फिर भी लोग इसके शिकार हो जाते हैं आइए जानते हैं कि इसको कैसे रोका जाए जब भी आपके पास कॉल आए तो किसी को अपना पासवर्ड ओटीपी या एटीएम नंबर आधार कार्ड नंबर आदि ना दें  2- इस तरह की कॉल करने वाला कोई भी व्यक्ति बैंक का कर्मचारी नहीं होता यह बात आप ध्यान में रखें और अपना एटीएम का सीवीवी किसी से शेयर ना करें इसके साथ-साथ ओटीपी बैंक का नंबर अकाउंट नंबर पासवर्ड आदि कुछ भी शेयर न करें और इस तरह की कॉलेज का एक च

साइबर लॉ का इतिहास और ये है क्या ?

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साइबर या कंप्यूटर कानून क्या होता है विज्ञान के आविष्कार, नयी तकनीकें जहां विज्ञान को आगे ले जाते हैं वहीं पर  कानून के लिए हमेशा अड़चने पैदा करते हैं। गैलिलियो  ने इस बात का सबूत दिया कि सूरज, पृथ्वी के चारो तरफ नहीं, ब्लकि  पृथ्वी और अन्य ग्रह, सूरज के चारो तरफ चक्कर लगाते हैं। इसलिए उसे नजरबंद कर दिया गया। जब डार्विन ने ओरिजन आफ स्पीशीस् (Origin of Species) लिखी तब अधिकतर ईसाई देशों में इसके पढ़ने पर प्रतिबंध लगा दिया। इस समय अमेरिकी न्यायालयों से एक बहुत बड़ी बहस इस बात पर चल रहा है कि कि ओरिज़न आफ स्पीशीस के साथ एक अन्य तथा कथित सिद्घान्त इंटेलीजेन्ट डिज़ाइन (Intelligent design)  जो कि धार्मिक  है को पढ़ाया जाए अथवा नहीं। कुछ समय पहले, डार्विन के २००वें जन्मदिन पर मैंने एक श्रृंखला लिखी थी। इसे संकलित कर  यहां  प्रकाशित किया गया है। इसमें इन विवादों की चर्चा है। धर्म न्यायधिकरण के सामने गैलिलिओ – चित्र क्रिस्टो बान्टी १८५७ – चित्र विकिपीडिया से सूचना प्रौद्योगिकी एक नयी तकनीक है। इसका जन्म निम्न तीन कारणों से हुआ, कंप्यूटर: इसके बारे में तो हम सब जानते ही हैं कुछ और